पटना अपने अंदर अपने नाम की तरह ही भारत के गौरवशाली और समृद्ध इतिहास को संजोए हुए हैं। तो चलिए एक यात्री के रूप में पटना में घूमने के ऐतिहासिक स्थल के बारे में जानते हैं।
पटना का इतिहास इससे समझा जा सकता है कि यह गुप्त, मौर्य और मुगल साम्राज्यों के उत्थान और पतन का गवाह रहा है। इन साम्राज्यों के ऐतिहासिक अवशेषों की विरासत इस शहर ने अब तक संजोई हुई है।
किसी भी इतिहास प्रेमी के लिए पटना बहुत ही अच्छी जगह है। यदि आप कभी यहाँ आएं तो पटना के प्रमुख पर्यटक स्थल के साथ साथ नीचे दिए गए ऐतिहासिक स्थलों को भी ज़रूर देखें।
पटना में घूमने के 21 ऐतिहासिक स्थल जो हर यात्री को मोह लेंगे
बिहार की राजधानी पटना गंगा नदी के किनारे स्थित एक अत्यंत प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है। पटना के ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को भारत की प्राचीन विरासत से बखूबी मिलवाते हैं। सभी धर्मों के प्राचीन तीर्थ स्थलों, ऐतिहासिक राजनीतिक आंदोलनों का पटना साक्षी रहा है।
जब भी आप यहां की यात्रा करेंगे, निश्चित तौर पर यह शहर आपको भारत के शताब्दियों पूर्व के इतिहास से परिचित करवाएगा। आईये,अब अतीत की विरासत को संजोए इन पर्यटन स्थलों को बीते युग की गलियों में चल कर देखते हैं।
1. गोलघर: पटना का सबसे मुख्य आकर्षण
पटना में घूमने की जगह की बात करें तो शहर की पहचान बन चुका गोलघर वास्तु कला का अद्भुत नमूना है। इसका निर्माण 1770 ईस्वी में इस क्षेत्र में आए अकाल के बाद अंग्रेजों द्वारा गोदाम के रूप में अन्न भंडारण के लिए करवाया गया था।
यह एक स्तूप के आकार का गोल ढांचा है और इसमें बाहर की तरफ से सीढ़ियां बनाई गई है, जिनकी संख्या 145 है। इसकी विशेषता यह है कि इसमें एक भी स्तंभ नहीं है। इन सीढ़ियों से चढ़कर पुरे पटना शहर और गंगा नदी को देखा जा सकता है।
आप जब भी यहां जाएं तो यहां होने वाले लेजर शो को अवश्य देखें यह गोल घर के अंदर दिखाया जाता है।
कहां स्थित है
गांधी मैदान |
समय
सुबह 10:00 से शाम 6:00 बजे तक सोमवार बंद |
शुल्क
प्रवेश शुल्क:- ₹5 लेजर शो टिकट:- ₹25 |
2. पटना संग्रहालय: पटना के अतीत पर एक नजर
यह संग्रहालय बिहार का पहला संग्रहालय है और मुगल और राजपूत शैली की वास्तुकला से निर्मित है। स्थानीय लोग इसे जादू घर के नाम से जानते हैं। यदि आप पटना का इतिहास जान्ने में रूचि रखतें हैं, ये आपके लिए सही जगह है।
इसमें प्रवेश करते हैं एक यक्षिणी की मूर्ति है, जो यहां की प्रमुख आकर्षण है। हिंदू और बौद्ध धर्म की अनेक निशानियां, मौर्य और गुप्त काल की दुर्लभ मूर्तियां, भगवान बुद्ध की अस्थियां यहां की धरोहर है, आपको आपके अतीत में ले जाएंगे।
कहां स्थित है
बुध मार्ग |
समय
सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक सोमवार बंद |
प्रवेश शुल्क
भारतीय ₹15 विदेशी ₹250 |
3. शहीद स्मारक: पटना में वीर शहीदों को करें नमन
यह स्मारक उन सात शहीदों की याद में बनवाया गया था, जिन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में विधानसभा पर तिरंगा फहराया था और अपनी जान की कुर्बानी दी थी। यह पटना के मुख्य आकर्षण में से एक है।
कहां स्थित है
बेली रोड |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
4. खुदा बख्श लाइब्रेरी: ऐतिहासिक पांडुलिपियों का खज़ाना
इस लाइब्रेरी को देश की पहली लाइब्रेरी होने का गौरव प्राप्त है। भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा दिया है।
इस लाइब्रेरी में राजपूत और मुगलकालीन पेंटिंग्स, कुरान की अद्भुत प्रति और अरबी,फारसी तथा मुगलकालीन दुर्लभ पांडुलिपियां संग्रहित है।
कहां स्थित है
अशोक राजपथ |
समय
सुबह 8:00 से शाम 5:00 बजे तक शुक्रवार बंद |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
5. गांधी संग्रहालय: पटना में बापू को जान्ने का मौका
गोल घर के सामने स्थित गांधी संग्रहालय में गांधी जी की स्मृतियों से जुड़ी चीजों को देखा जा सकता है। इसमें गांधी जी के पूरे जीवन को चित्रों और मूर्तियों के माध्यम से दर्शाया गया है।
कहां स्थित है
अशोक राजपथ |
समय
सुबह 10:00 से 1:00 बजे तक और 2:00 से शाम 6:00 बजे तक शनिवार बंद |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
6. अगम कुआं: पटना में मुग़ल काल की याद दिलाता
पटना में घूमने के ऐतिहासिक स्थल में ये एक प्रमुख स्थल है। यह कुआं चारों ओर से लाल दीवारों से घिरा हुआ है जिसमें बीच में जालीदार खिड़कियां बनी है।
कहा जाता है कि सम्राट अशोक के शासन में लोगों को यातना देने के बाद इसमें फेंक दिया जाता था। अब वर्तमान में मान्यता है कि इस कुएं में सिक्का डालने से मन्नत पूरी होती है।
कहां स्थित है
गुलजारबाग |
समय
सुबह 6:00 से शाम 10:00 बजे तक |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
7. कुम्हरार: पटना में इतिहास के लिए उपयुक्त
पटना के ऐतिहासिक स्थल में कुम्हरार अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान है। यहां मौर्य काल के अवशेष देखे जा सकते हैं। खुदाई में यहां 80 स्तंभों वाले हॉल के अवशेष भी मिले हैं।
इसमें एक संग्रहालय है जहां खुदाई के दौरान मिले तांबे के बर्तन आभूषण,सिक्के इत्यादि रखे हैं। इसे अब पार्क का रूप दिया गया है और स्थानीय लोगों के लिए यह एक पसंदीदा पिकनिक स्थल है।
कहां स्थित है
कंकड़बाग |
समय
सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक सोमवार बंद |
प्रवेश शुल्क
₹25 |
8. तख्त श्री हरिमंदिर जी: पटना का प्रमुख तीर्थ स्थल
गुरुद्वारा तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के नाम से भी जाना जाता है। यह सिखों के दसवें और अंतिम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म स्थान है।
सिक्ख आस्था से जुड़ा यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा, सिखों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। इसमें गुरु गोविंद सिंह जी के स्मृति चिन्ह आज भी रखे हैं जिन्हें आप देख सकते हैं।
कहां स्थित है
पटना सिटी |
समय
सुबह 2:30 से शाम 8:00 बजे तक |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
9. पादरी की हवेली: मदर टेरेसा से जुड़ा पटना का एक ऐतिहासिक स्थल
ईसाई मिशनरी द्वारा स्थापित किया गया यह चर्च बिहार का सबसे पुराना चर्च है। इस चर्च से मदर टेरेसा भी जुड़ी हुई थी। यहीं से उन्होंने नर्सिंग का प्रशिक्षण लिया था और फिर पीड़ितो की सेवा में लग गई थी।
वर्तमान में इस चर्च में अनाथालय और स्कूल जैसे सामाजिक कार्य संचालित किए जा रहे हैं।
कहां स्थित है
सादिकपुर |
समय
सुबह 6:00 से शाम 8:00 बजे तक |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
10. शेरशाह की मस्जिद: 16वीं सदी में बनी मस्जिद
अफगानी शैली में निर्मित इस मस्जिद का निर्माण शेरशाह सूरी ने सोलहवीं शताब्दी में करवाया था।
पटना में घूमने के ऐतिहासिक स्थल में ये एक महत्वपूर्ण स्थल है। शेर शाह सूरी मस्जिद का केंद्रीय गुंबद चार छोटे गुंबदों से घिरा हुआ है। डिजाइन का अनूठा हिस्सा यह है कि यदि आप किसी भी कोण से देखते हैं तो केवल तीन गुंबद दिखाई देते हैं।
कहां स्थित है
पटना सिटी |
समय
सुबह 10:00 से रात 10:00 बजे तक |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
11. पटन देवी: पटना का एक प्रमुख ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर
पटन देवी एक ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर है। इसे मां पटनेश्वरी भी कहते हैं। यह मंदिर मां सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है, सालों भर यहां श्रद्धालु आते रहते हैं।
कहा जाता है कि पाटलिपुत्र शहर का नाम मां पटन देवी के नाम पर ही पटना पड़ा।
कहां स्थित है
सादिकपुर |
समय
सुबह 6:00 से 12:00 और शाम 5:00 से 10:00 बजे तक |
12. सदाकत आश्रम: डॉ राजेंद्र प्रसाद की स्मृतियों को संजोए
इसमें प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की स्मृतियों को संजो कर रखा गया है। इसे डॉ राजेंद्र प्रसाद की कर्म भूमि के रूप में जाना जाता है, यहीं पर उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली थी।
गंगा तट पर बने इस आश्रम का सुंदर और शांत माहौल आप का मन मोह लेगा।
कहां स्थित है
दीघा |
समय
सुबह 9:00 से शाम 7:00 बजे तक सोमवार बंद |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
13. जालान संग्रहालय: अनमोल वस्तुओं का संग्रह
यह एक निजी संग्रहालय है और इसमें जाने के लिए आपको पहले अनुमति लेनी पड़ती है, तभी आप जा सकते हैं। स्थानीय लोगों में यह किला हाउस के नाम से प्रसिद्ध है।
इसमें पुरातन काल की अनेक चीजों के साथ साथ नेपोलियन का लकड़ी का बिस्तर भी है, मुझ से इतिहास प्रेमी अवश्य ही देखना चाहेंगे।
कहां स्थित है
हाजी गंज |
समय
सुबह 10:00 से शाम 4:00 बजे तक |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
14. पत्थर की मस्जिद: पटना शहर का एक प्रमुख आकर्षण
इस मस्जिद का निर्माण 17 वीं शताब्दी में जहांगीर के बेटे परवेज शाह ने करवाया था। यह प्राचीन मस्जिद स्थानीय लोगों में काफी प्रसिद्ध है।
कहां स्थित है
पटना सिटी |
समय
सुबह 10:00 से रात 10:00 बजे तक |
15. बुद्धा स्मृति पार्क: पटना के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक
यह पार्क विश्व भर के पर्यटको के आकर्षण का केंद्र है। पहले यहां ऐतिहासिक बांकीपुर जेल थी, जिसे अब स्तूप के आकार के मेडिटेशन सेंटर का रूप दिया गया है। इस पार्क में बांकीपुर जेल के अवशेष अब भी मौजूद हैं।
शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके के बीच होने के बावजूद इसके अंदर जाने पर आपको बहुत ही सुकून महसूस होगा। पार्क में लगे स्पीकर पर हर वक्त बुद्धम शरणम गच्छामि मंत्र माहौल में गूंजता रहता है, जिससे मन को बहुत शांति मिलती है।
कहां स्थित है
फ्रेजर रोड |
समय
सुबह 9:00 से शाम 7:00 बजे तक |
प्रवेश शुल्क
प्रवेश शुल्क: ₹20 मेडिटेशन सेंटर का प्रवेश शुल्क:- ₹50 |
16. महावीर मंदिर : सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक
संकट मोचन भगवान हनुमान का यह प्राचीन मंदिर पटना रेलवे स्टेशन के सामने स्थित है। इसमें भगवान हनुमान की दो प्रतिमाएं अलग-अलग रूपों में स्थापित हैं।
यह मनोकामना मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है।
कहां स्थित है
पटना रेलवे स्टेशन |
समय
सुबह 5:00 से रात 10:00 बजे तक |
17. सभ्यता द्वार: पाटलिपुत्र की प्राचीन महिमा को प्रदर्शित करता
गंगा नदी के किनारे बना यह ऐतिहासिक द्वार प्राचीन पाटलिपुत्र के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को बताता है। यह द्वार गेटवे ऑफ इंडिया से भी 6 मीटर ऊंचा है और इस पर अनेक महापुरुषों के संदेश लिखे हैं।
इंडिया गेट और गेटवे ऑफ इंडिया की तर्ज पर बना यह सभ्यता द्वार अपनी खूबसूरती से आप का मन मोह लेगा।
कहां स्थित है
अशोक राजपथ |
समय
सुबह 11:00 से शाम 6:00 बजे तक सोमवार बंद |
कोई प्रवेश शुल्क नहीं |
18. गांधी मैदान : महात्मा गांधी की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के करें दर्शन
शहर के बीचोंबीच स्थित यह गोलाकार विशाल मैदान है। इसमें गांधी जी की विशाल प्रतिमा लगी हुई है। इस मैदान को हम पटना का दिल भी कह सकते हैं। ब्रिटिश समय में इसे बांकीपुर मैदान कहते थे, आजादी के बाद उसे गांधी मैदान का नाम दिया गया। अब यह मैदान जनसभाओं और रैलियों का प्रमुख स्थल बन चुका है।
इसमें एक ओपन जिम भी बनाया गया है और काफी तादाद में यहां लोग टहलने और समय गुजारने आते हैं। इस पूरे क्षेत्र को गांधी मैदान के नाम से ही जाना जाता है।
कहां स्थित है
गांधी मैदान |
समय
24 घंटे खुला है |
19. मनेर शरीफ : एक ऐतिहासिक स्थल में स्थित
यह दरगाह लगभग 400 साल पुरानी है और इसकी वास्तु कला देखने लायक है। यह जगह बहुत ही पवित्र मानी जाती है, इसकी दीवारों पर कुरान की आयतें लिखी हुई है।
मनेर को मोतीचूर लड्डू के अपने संस्करण – मनेर के लड्डू – के लिए भी जाना जाता है । यह माना जाता है कि इसे घी और सोन नदी के मीठे पानी का उपयोग करके बनाया जाता है।
दरगाह शरीफ के अलावा, मनेर में बौद्ध मंदिर, जैन मंदिर और अन्य धर्मों के महत्व भी हैं, इसलिए यह एकता विविधता का प्रतीक है।
कहां स्थित है
मनेर |
पटना से दूरी
30 km |
20. वैशाली : पटना में घूमने के ऐतिहासिक स्थल में प्रमुख
अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं तो आपको इस ऐतिहासिक धरोहर को अवश्य देखना चाहिए। यहां बौद्ध कालीन स्तूप और सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया अशोक स्तंभ है, इस अशोक स्तंभ को स्थानीय लोग भीमसेन की लादी भी कह कर बुलाते हैं।
वर्तमान में यहां आप बोटिंग का आनंद भी उठा सकते हैं।
कहां स्थित है
वैशाली |
समय
सुबह 10:00 से शाम 5:00 बजे तक |
21. नालंदा विश्वविद्यालय : प्राचीन काल में शिक्षा का प्रसिद्ध केंद्र
यनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल यह विश्वविद्यालय विश्व का प्राचीनतम आवासीय विद्यालय और शिक्षण का प्रमुख संस्थान रहा है।
इस के अवशेष आज भी समृद्ध इतिहास की कहानी बताते हैं। आप यहां जाएंगे तो निश्चित तौर पर अपने गौरवपूर्ण इतिहास से रूबरू होंगे।
कहां स्थित है
नालंदा |
समय
सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक शुक्रवार बंद |
प्रवेश शुल्क
भारतीय ₹15/ विदेशी ₹200/- |
इसके अलावा आप पटना के आसपास राजगीर, बोधगया और पावापुरी भी देख सकते हैं। ये सभी पटना से 100 किलोमीटर के अंदर स्थित प्राचीन महत्व के स्थान है।
जब भी आप पटना आए इन्हें जरूर देखें। अपनी यात्रा में आप यहां अवश्य ही प्राचीन सभ्यता की झलक और संस्कृति के मखमली एहसास को महसूस करेंगे।
पटना में परिवहन के क्या विकल्प हैं ?
पटना कैसे पहुंचें – पटना सड़क, रेल और हवाई मार्ग से सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
पटना में स्थलों तक जाने के साधन – कहीं भी जाने के लिए बिहार सरकार द्वारा प्राइवेट कार, टैक्सी, बस या टूर पैकेज उपलब्ध है। साथ ही Ola, Uber और स्थानीय टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध है।
आप अपनी सुविधा के अनुसार बिहार सरकार की वेबसाइट पर जाकर, उनसे संपर्क और बुकिंग कर सकते हैं।
मुझे आशा है कि यह लेख पढ़कर आपको आपके प्रश्न पटना में प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन-कौन से हैं, का कजवाब मिल गया होगा। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो आप निचे टिपण्णी में पूछ सकते हैं।